Words more valuable than gold

Rizwan Ahmed 22-Oct-2020


अल्लाह सब जनता है 
किसकी कब और किया देना है, 


नमाज़ वो वाहिद हुक्म है जिसे अल्लाह ने 
व्ही के ज़रिये नहीं उतारा 
बल्कि अपने महबूब हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को 
आसमान पर बुला कर तोहफे में दिया,


इंसान तभी अल्लाह की तरफ रुजू करता है
जब  दुनिया में अपना हर हुनर आज़मा लेता है 
और फिर भी उसे चैन-ओ-इत्मीनान नसीब 
नहीं होता है के 
अल्लाह की मोहब्बत के सिवा हर मोहब्बत फ़ना हो जाने वाली है,  


अल्लाह इंसान को छोटी तकलीफें देकर 
बड़ी बड़ी मुसीबतों से बचा लेता है 
और वो बड़ा ग़फ़ुरुर रहीम है 
उसकी हिकमतें इंसान की सोच से बाहर हैं, 

 

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