Rizwan Ahmed 06-Oct-2020
जो हाथ अल्लाह के आगे फैलता है
अल्लाह उस हाथ को मखलूक के
आगे नहीं फैलने देता,
हज़रत अबूबक्र सिद्दीकी रज़िo ने फ़रमाया
इंसान खुद अज़ीम नहीं होता उसका किरदार
अज़ीम होता है,
लफ़्ज़ों के जख्म झेलने के बाद भूलने का फन
या तो पागल को आता है या क़ामिल को,,
मोहब्बत की कश्ती में पहला सुराख
शक का होता है,
वो लोग अक्सर बदल जाते हैं जिन्हे
हद से ज्यादा इज़्ज़त और वक़्त दिया जाये,,
झूठी शान के परिंदे ही बहुत ज्यादा फड़फड़ाते हैं
खानदानी बाज़ों की उड़ान में कभी आवाज़ नहीं होती,
अगर आप किसी बेवक़ूफ़ की शक्ल नहीं देखना
चाहते हो तो आपके चाहिए के पहले अपना
आइना तोड़ दो,
बेटी कोई पैदा नहीं करना चाहता
लेकिन
बिस्तर पर सारे मर्द औरत चाहते हैं,
अल्लाह के खौफ से गिरने वाला आंसू
बेशक छोटा हो लेकिन
उसमे इतनी ताक़त होती है के वो
समुन्दर के बराबर गुनाह मिटा देता है,
तीन आदमियों में राज़, राज़ रह सकता है
बशर्ते उनमे से दो मर चुके हों,
लोगों को वक़्त दें मौका दें इज़्ज़त दें
लेकिन किसी से तवज्जो की भीख मत मांगे,
मोहब्बत को भी भूख होती है इज़्ज़त की
इज़्ज़त ना मिले तो मोहब्बत मर जाती है,
जब मिलो किसी से तो ज़रा दूर की यारी रखना
जानलेवा होते हैं अक्सर सीने से लगाने वाले,,
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