waah musalman




Rizwan Ahmed (Saif) 06-02-22

वाह मुसलमान तू किस कदर दुनिया के काम आता है 

तेरे मरने पर भी बहुत से लोगों का काम बन जाता है 

कोई तेरी बेटियों की बोली लगाता है 

कोई तेरे बेटों की लाशें बिछाता है 

हाय सबरदार तू फिर भी सबर कर जाता है 

वाह मुसलमान तू किस कदर दुनिया के काम आता है 

कोई तुझसे किसी को डराता है 

कोई तुझे किसी से डराता है 

बहरहाल उन डराने वालों को तू खूब वोट दिलाता है 

वाह मुसलमान तू किस कदर दुनिया के काम आता है

किसी का बुरा नहीं करता तू फिर भी बुरा कहलाता है 

तेरे आंसुओं पर ज़माना बहुत खुशियां मनाता है 

तू ही ज़ुल्म सहता है और तू ही ज़ालिम कहलाता है

वाह मुसलमान तू किस कदर दुनिया के काम आता है  

भारत की हिफाज़त के लिए तेरी जान भी क़ुर्बान 

कल फिरंगी थे आज हैं संघी तुझसे परेशान 

कोई वजह नहीं फिर भी हर कोई तेरा दुश्मन बन जाता है 

वाह मुसलमान तू किस कदर दुनिया के काम आता है 

भारतीय मीडिया की रोज़ी रोटी तुझसे चले 

एक पार्टी विशेष रात दिन तुझसे जले 

तेरी रग रग में हिंदुस्तान फिर भी पाकिस्तानी कहलाता है  

वाह मुसलमान तू किस कदर दुनिया के काम आता है 

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