islamik shayari




 ऐ जन्नत तेरा लालच नहीं मुझे

ऐ जहन्नुम मैं तुझसे नहीं डरता हूँ
मेरे प्यारे "रब" की ज़ात ही इबादत लायक है
मैं तो इसी लिए अपने "रब" की इबादत करता हूँ
#सैफ


तेरे दिल की धड़कन से भी करीब तेरा अल्लाह है रियाकार सुन कान खोल के अल्लाह देख रहा है #सैफ

No comments

Powered by Blogger.