ya allah kuch to meri zindagi mei nikhar aaye
Rizwan Ahmed (सैफ) 26-10-2021 या अल्लाह कुछ तो मेरी ज़िन्दगी में कभी निखार आये खुद की कमी देखूं औरों की बुराई…
Rizwan Ahmed (सैफ) 26-10-2021 या अल्लाह कुछ तो मेरी ज़िन्दगी में कभी निखार आये खुद की कमी देखूं औरों की बुराई…
आजा आजा मैं हूँ प्यार तेरा अल्लाह इंकार तेरा अ अ आजा अ अ आजा अ अ आ ये वो गाना था जिसने हिंदी में प्रचलित गीतो…
جو بھی چاہو نکال لو مطلب خاموشی گفتگو پی بھاری ہے، जो भी चाहो निकाल लो मतलब ख़ामोशी गुफ्तुगू पे भारी है ا…
Rizwan Ahmed 20-10-2021 اسکے ہاتھوں مے جو خنجر ہے جیادہ تیز ہے اور پھر بچپن سے اسکا نشانہ بھی تیز ہے جب ک…
माँ बाप अमीर हो या गरीब लेकिन कोई माँ बाप ये नहीं चाहेंगे के उनकी औलाद किसी तरह का कोई भी गलत रास्ता इख्तयार …
صبر کی بھی ایک حد ہوتی ہے کتنا یہ پلکیں سمبھالے___ پانی सब्र की भी एक हद होती है कितना ये पलकें संभाले प…
ऐ जन्नत तेरा लालच नहीं मुझे ऐ जहन्नुम मैं तुझसे नहीं डरता हूँ मेरे प्यारे "रब" की ज़ात ही इबादत ल…
अनम हो लुबना हो सादिया चाहे ज़ैनब हो या घर का कोई भी मेम्बर हो वो सब लोग फैज़ान के लिए हर क़ुरबानी देने को तैय…