Tahzeeb wali auraten

July 28, 2021
 वो कैसी औरतें थीं... Rizwan Ahmed 29-07-21 जो गीली लकड़ियों को फूंक कर चूल्हा जलाती थीं जो सिल पर सुर्ख़ मिर्चें पीस कर सालन पकाती थीं सुबह...Read More

Ye bhi patrakar hain

July 16, 2021
  Rizwan Ahmed 16-07-21 पुलित्ज़र पुरस्कार प्राप्त करने के बाद भी आपने मोर्चों का चुनाव नहीं छोड़ा। बंदूक़ से निकली उस गोली को हज़ार लानतें ...Read More

Maut ke waqt ki qaifiyat

July 13, 2021
 “मौत के वक़्त की कैफ़ियत” Rizwan Ahmed 14-07-2021 जब रूह निकलती है तो इंसान का मुंह खुल जाता है, होंठ किसी भी क़ीमत पर आपस में चिपके हुए नही...Read More
Powered by Blogger.