Maa ka rutba


क़साब ने उसे धीरे से उठाया और प्यार से खाना  खिलाया और फिर लिटा दिया 
फिर उस बूढ़ी औरत ने खस्साब के कान में कुछ कहा जिस से खस्साब मुस्कुराया
और अपने कमरे में चला आया 
ये सब माजरा मूसा अलेस्सलाम देख रहे थे
 

Rizwan Ahmed 27-Dec-2020

मूसा अलेस्सालाम ने एक दिन अल्लहा की बारगाह में अर्ज किया  के ऐ मेरे रब मेरे साथ जन्नत में कौन होगा?

इरशाद हुआ के 

एक खस्साब तुम्हारे साथ जन्नत में होगा 


हज़रत मूसा अलैहस्सलाम कुछ हैरान हुए और उस खस्साब की तलाश में निकल पड़े 

और एक जगह पर गोस्त की दूकान पर खस्साब को गोस्त बेचते हुए मशरूफ देखा  

शामको अपना कारोबार खत्म करके खस्साब ने एक गोश्त का टुकड़ा एक कपडे में लपेटा और घर की तरफ रवाना हो गया

हज़रत मूसा अलेस्सलाम ने खस्साब से उसके  घर मेहमान बन जाने की इजाजत मांगी 

घर पहुचकर खस्साब ने गोश्त पकाया और रोटी बनाई

और रोटी के टुकड़े किये और गोश्त के शोरवे में नरम किये 

और दूसरे कमरे में चला गया 

उस कमरे में एक बूढ़ी औरत लेती थी 

खस्साब ने उसे धीरे से उठाया और प्यार से खाना  खिलाया और फिर लिटा दिया 

फिर उस बूढ़ी औरत ने खस्साब के कान में कुछ कहा जिस से खस्साब मुस्कुराया

और अपने कमरे में चला आया 

ये सब माजरा मूसा अलेस्सलाम देख रहे थे 

आपने खस्साब से पूछा के वो कौन हे और तुम्हारे कान में ऐसा क्या कहा जिस से तुम मुस्कुरा उठे ?

खस्साब ने कहा के ऐ अजनबी वो मेरी माँ हे और में घर आकर सब से पहले उसे खाना खिलाता हूँ और इसका काम करता हूँ 

तो खुश होकर मुझे दुआ देती हे पर आज तो उसने दुआ की इन्तहा ही कर दी के  अल्लहा तुझे जन्नत में मूसा  के साथ रखे बस इसी बात पर  में हँस गया के 

में गुनाहगार कहा और अल्लहा के नबी हज़रत मूसा अलेहस्साम कहा 


क़ुर्बान माँ की दुआओ के 

माँ की दुआ वो दस्तक हे  जो जन्नत के दरवाजे खोल देती हे 

तो जो मेरा भाई मेरी ये पोस्ट पड़ रहा हे उनसे गुज़ारिश हे के अपनी माँ से अभी सलाम करे और उनकी सलामती के लिए रब से दुआ करे आमीन

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