तनिष्क को अब दिवाली वाला विज्ञापन क्यों हटाना पड़ा?
तनिष्क का एक विज्ञापन फिर विवादों में है। वह विज्ञापन दिवाली को लेकर है। इस वीडियो विज्ञापन में पटाखे नहीं जलाने और प्यार और पॉजिटिविटी से इस त्योहार को मनाने की बात कहते सुना जा सकता है। यही बात कुछ लोगों को चुभ गई और सोशल मीडिया पर पटाखे नहीं जलाने की बात का बतंगड़ बना दिया गया। यह दावा किया जा रहा है कि कोई यह कैसे बताएगा कि हिंदू उत्सव कैसे मनाएँ। तनिष्क को ट्विटर से उस को विज्ञापन हटाना पड़ा। हालाँकि कंपनी ने इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है। वैसे, हाल के दिनों में इस कंपनी का यह दूसरा विज्ञापन है जब दक्षिण पंथियों ने निशाना बनाया और कंपनी को उस विज्ञापन को हटाना पड़ा। इससे पहले 'एकत्वम' विज्ञापन को हिंदू-मुसलिम वाला और 'लव जिहाद' को बढ़ावा देने वाला कहकर निशाना बनाया गया था।
माना जाता है कि उस पहले विज्ञापन के विरोध का ही असर है कि अब उसके इस दिवाली वाले विज्ञापन को भी निशाना बनाया जा रहा है।
तनिष्क दिवाली पर कई वीडियो विज्ञापन जारी किए हैं। इसमें से एक में पटाखे का ज़िक्र है। इस विज्ञापन के साथ तनिष्क ने ट्वीट किया था, 'इस दिवाली, आइए हम साथ जुड़ें और जो दिल के सबसे क़रीब है उसके साथ उत्सव मनाएँ; क्योंकि यह एकत्वम यानी एकता की सुंदरता को प्रतिबिंबित करता है।'
तनिष्क के इस विज्ञापन को भी दक्षिणपंथियों ने लपक लिया है। उनकी आपत्ति इस बात पर है कि दिवाली पर पटाखे नहीं फोड़ने की बात कैसे कह दी। बहरहाल, हाल के वर्षों में डॉक्टरों से लेकर पर्यावरणविदों तक दिवाली पर पटाखे नहीं फोड़े जाने की अपील लगातार करते रहे हैं। अब तो कई सरकारें दिवाली पर पटाखे जलाने को ही प्रतिबंधित कर रही हैं। यह इसलिए कि शहर पहले से ही प्रदूषण के आगोश में लिपटे हुए हैं। कई शहरों में साँस लेना भी दूभर होता है और मरीज़ों की तो जान पर बन आती है। दिवाली के बाद प्रदूषण इतना ज़्यादा बढ़ जाता है कि यह जानलेवा हो जाता है। यही कारण है कि दिल्ली सरकार ने तो इस साल पटाखे पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिए हैं।
कुछ ऐसी ही अच्छी की गूँज तनिष्क के विज्ञापन में भी सुनाई देती है। उसमें सिर्फ़ यही कहा जाता है, '... निश्चित रूप से कोई पटाखे नहीं और मुझे नहीं लगता कि किसी को भी पटाखे जलाने चाहिए...'। इसके बाद विज्ञापन में शालीनता से, प्यार से, मिठाइयों का लुत्फ़ उठाकर त्योहार मनाने की बात कही जाती है।
विज्ञापन में एक तरह से प्रदूषण कम करने का संदेश है। उसमें शालीनता का संदेश है। लेकिन कुछ लोगों को इस विज्ञापन में हिंदुओं के त्योहार में 'दखल' दिखाई दे दिया।
तनिष्क के इस विज्ञापन को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने भी सवाल उठाया और इसे हिंदू धर्म से जोड़ा। उन्होंने ट्वीट किया, 'किसी को हिंदुओं को सलाह क्यों देनी चाहिए कि हम अपने त्योहारों को कैसे मनाएँ?
कंपनियों को अपने उत्पादों को बेचने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि हमें पटाखे फोड़ने से बचने पर व्याख्यान देना चाहिए।
हम दीपक जलाएँगे, मिठाई बाँटेंगे और हरे पटाखे फोड़ेंगे। कृपया हमसे जुड़ें। आप एकत्वम को समझेंगे।'
इस विज्ञापन के बाद फिर से तनिष्क के बहिष्कार का अभियान छेड़ दिया गया है। ट्विटर पर 'हिंदू पब्लिशर यू-ट्यूबर' नाम के हैंडल से इसको लेकर ट्वीट किया गया।
सेपियामैनिएक नाम के यूज़र ने लिखा, 'आख़िरी सलाह: यदि आप बिक्री के लिए एक त्योहार पर नज़र गड़ाए हुए हैं तो आप उपदेश की हिम्मत न ही करें। हिंदू यहाँ आपके उपदेशात्मक भाषणों को सुनने के लिए नहीं हैं। अपने ग्राहकों के प्रति ईमानदार रहें। वे आपकी रचनात्मक टीम की तुलना में अधिक स्मार्ट हैं, जो त्योहारों और उनके महत्व से अनभिज्ञ हैं।'
वैदेही नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया है, 'प्रिय तनिष्क ज्वैलरी, आपकी विज्ञापन टीम ने धन्यवाद के लिए दीवाली को ग़लत समझा है।
दिवाली गहने खरीदने, परिवार के साथ समय बिताने और अच्छा खाना खाने के बारे में नहीं है।
यह बुराई पर अच्छाई की जीत के बारे में है।
यह धर्म के बारे में है।'
बता दें कि पिछले महीने ही तनिष्क का एक और विज्ञापन विवादों में आ गया था और दक्षिणपंथियों ने तनिष्क का बहिष्कार कर दिया था। उस विज्ञापन का नाम 'एकत्वम' था। 45 सेकंड की वह विज्ञापन फ़िल्म दो अलग-अलग धर्मावलंबियों के बीच शादी पर आधारित थी। इस विज्ञापन में देखा जा सकता था कि एक मुसलिम परिवार अपनी पुत्रवधू के लिए परंपरागत हिंदू रीति रिवाज वाले कार्यक्रम की तैयारी कर रहा था। वह गोदभराई की रस्म थी।
उस वीडियो में भरा-पूरा मुसलिम परिवार दिखता है। बगीचा है, दीपमालाएँ हैं और नटराज की प्रतिमा भी है। वीडियो के अंत में वह महिला अपनी सास से पूछती है, 'ये रस्म तो आपके घर में होती भी नहीं है न?' इस पर उसकी सास उसे जवाब देती है, 'पर बिटिया को खुश रखने की रस्म तो हर घर में होती है न?' इसके बाद विज्ञापन में संदेश दिया गया है- 'एक जो हुए हम, तो क्या ना कर जाएँगे।' यानी इसमें एकता की बात की गई है।
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