सख्शियत में आजिज़ी ना हो तो
मालूमात में इजाफा इल्म को नहीं
तकब्बुर (घमंड) को जन्म देता है,
अच्छा वक़्त और अच्छे लोग हर किसी
के मुक़द्दर में नहीं होते
इनमे से जो भी मिल जाये उसे कभी ना
छोड़ें,
जिसको आपने गलत लगना होता है
आप हर हाल में उसे गलत ही लगोगे
चाहे कुछ भी करलो
सफाइयां फ़िज़ूल
वज़ाहतें फ़िज़ूल,
अल्फ़ाज़ ही सबकुछ होते हैं दिल जीत
भी
लेते हैं और दिल चीर भी देते हैं,,
जो ज़रा सी बात पर दोस्त ना रहे
समझ लेना वो कभी दोस्त था ही नहीं,
अच्छे वक़्त से ज्यादा अच्छे दोस्त को अज़ीज़ रखो
क्योंकि अच्छा दोस्त बुरे वक़्त को भी अच्छा बना सकता है,
दुनिया का सब से ताक़तवर सख्श
वो है जो सबसे ज्यादा तनहा है,
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