Maut Se Darte Ho

मौत दुनिया का एक ऐसा सच है जिसके आगे सब सच झूंठ नज़र आते हैं,

मौत एक ऐसा वफादार साथी है जिसके आगे ज़िन्दगी बेवफा नज़र आती है 

Rizwan Ahmed 04-Oct-2020


मौत से डरते हो.. 

मौत मरने वाले को भी आनी है, मौत मारने वाले को भी आनी है,

मौत मज़लूम को भी आनी है, मौत ज़ालिम को भी आनी है,

मौत प्रजा को भी आनी है, मौत राजा को भी आनी है,   

मौत से डरते हो.. 

मौत चुप रहने वाले को भी आनी है, मौत बोलने वाले को भी आनी है, 

मौत बुज़दिल को भी आनी है, मौत बहादुर को भी आनी है,

मौत हक़ पर रहने वाले को भी आनी है, मौत झूठ पर रहने वाले को भी आनी है,

मौत से डरते हो..

मौत हंस कर भी आनी है, मौत रो कर भी आनी है,

मौत जाग कर भी आनी है, मौत सो कर भी आनी है,

मौत बदहाली में भी आनी है, मौत खुशहाली में भी आनी है,

मौत से डरते हो..

मौत सच के साथ डट कर खड़े रहने वाले को भी आनी है, मौत झूठ के हाथों ज़मीर बेचने वाले को भी आनी है,

मौत गैरतमंद को भी आनी है,मौत बेगैरत को भी आनी है, 

मौत ईमानदार को भी आनी है, मौत बेईमान को भी आनी है,

मौत से डरते हो..  

मौत गलियों में भी आनी है,मौत सड़कों पे भी आनी है,

मौत घर में भी आनी है,मौत बाहर भी आनी है,

मौत बिस्तर पे भी आनी है, मौत जंग में भी आनी,

मौत से डरते हो.

मौत बेनमाज़ी को भी आनी है, मौत नमाज़ी को भी आनी है,

मौत गुनेहगार को भी आनी है, मौत बेगुनाह को भी आनी है,

मौत "रब" को राज़ी कर के भी आनी है, मौत "रब" को नाराज़ कर के भी आनी है,  

मै आपका दोस्त रिज़वान अहमद खुदको और अपने सब दोस्तों और तमाम भारत वासियों को जगाने की एक छोटी सी कोशिस कर रहा हूँ, 

जगाना मतलब नींद से जगाना नहीं है नींद से तो हम खुद ही एक दम सुबह सुबह अँधेरे ही में 11 या 12 बजे तक जाग ही जाते हैं, और जागने के बाद हाथ मुँह धो कर या नहा कर नाश्ता वगैरह कर के फिर से सो जाते हैं, 

जी हाँ दोस्तों फिर से सो जाते हैं का मतलब या तो अपनी अपनी जॉब में मस्त रहकर या फिर अपने कारोबार में मगन हो कर, अगर ये दोनों किसी के पास नहीं है तो वो अपना मोबाइल उठा कर अपना टारगेट पूरा करने में मस्त हो कर "टारगेट" जी हाँ दोस्तों मोबाइल पर सबका अपना अपना टारगेट है, किसी का टारगेट है पैसे लेकर नफरत फैलाना, किसी का टारगेट लाइक कमेंट कमाना, लड़का है तो लड़की को अपनी और आकर्षित करना किसी भी सूरत में यहाँ तक के उसे लड़की ही क्यों ना बनना पड़े, और अगर पहले ही से वो लड़की है तो उसका टारगेट है अपने फॉलोवर बढ़ाना यहाँ तक के पहले वो खुद ही सबको फॉलो करेगी, और फिर फॉलोवर बढ़ जाने पे चुपके से धीरे धीरे सबको अनफॉलो कर देगी, 

कुल मिला कर ये कोई जागना नहीं है, जानते हो हमारा असली जागना कब होगा, जब हमारी सोच बदल जाएगी, सोच इस बात की के उसी के साथ तो हो रहा है हम तो सेफ सुरक्षित हैं, मुसलमानो के साथ ही तो हो रहा है, हिंदुओं के साथ ही तो हो रहा है, दलितों के साथ ही तो हो रहा है, फलां के साथ ही तो रहा है, इसके साथ ही तो  है, उसके साथ ही तो हो रहा है, और शायद ये सोच हमारी तब जाकर खत्म होगी जब खुद हमारे साथ हो जायेगा, जो शायद अब बहुत दूर नहीं है, 

हमारा असली जागना तब होगा जब हम ये महसूस करने लगेंगे के जो भी कुछ हो रहा है इंसान के साथ हो रहा है, इंसानियत के साथ हो रहा, और उसके बाद हम सब मिलकर एक साथ ज़ुल्म और ज्यादती के खिलाफ आवाज़ उठाएंगे,

और इन सब से हमें दो ही चीज़ें रोकती हैं या तो पैसों का लालच या मौत का खौफ, दोस्तों रुपया पैसा हमारे मुकद्दर में  है जो के अल्लाह ने हमारे पैदा होने से पहले लिख दिया है, झूठ बोल कर धोखा देकर बेईमानी करके भी, सच्चाई और ईमानदारी से भी वो हमको मिलना ही है हर हाल में और जितना नसीब में है उतना, 

और मौत का एक वक़्त मुक़र्रर है वो भी अल्लाह ने हमारे पैदा होने से पहले लिख दिया है , तो जब ये दोनों चीज़ें अल्लाह ने हमारे मुकद्दर में लिख ही दी हैं तो फिर मौत के डर या रुपयों पैसों के लालच में हम हक़ का रास्ता क्यों छोड़ें, 

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