Hazrat Luqman Alaihissalam Ki Nassehaten

उसके साथ बातचीत में अपनी अक्ल को खुली रखो उसकी हिर्स से बचते रहो क्योंकि उसके साथ तुम्हारी  किया बराबरी अमूमन बड़े लोगो को जल्दी गुस्सा आ जाता है उनकी छलांग शेर की छलांग होती है,

Rizwan Ahmed 27-Oct-2020 

मै आपका दोस्त रिज़वान अहमद आपकी खिदमत में लेकर हाज़िर हुवा हूँ हज़रत लुक़मान अलैहिस्सलाम का एक सबक़ हासिल करने वाला वाक़िया,

तज़किराह हज़रत लुकमान अलैहिस्सलाम क़िस्सासुल अम्बिया 


हज़रत लुक़मान अलैहिस्सलाम के बारे में अक्सर आलिमों का कहना है के वो गुज़रे ज़माने के एक नेक और बहुत समझदार वली थे, जबकि बाज़ उलेमा इकराम की एक जमात आपको नबी मानती है

जब के अल्लाह तआला ने हज़रत लुक़मान के मुताल्लिक एक सूरत क़ुरान में नाज़िल फ़रमाई (सूरे लुक़मान)    हज़रत लुकमान अलैहिस्सलाम की दानाई समझदारी बहुत मशहूर है लुकमान अलैहिस्सलाम के बारे में उलमाओं का इख्तलाफ है बाज़ फरमाते हैं के आप बनी इस्राइल के अम्बियाओं में से थे और बाज़ उलमाओं का कहना है के आप नेक और स्वालेह बन्दे थे,

आप हब्शा के रहने वाले थे बनी इस्राइल में से एक धोबी ने उनको खरीदा था हज़रत लुक़मान उसकी गुलामी में एक अरसा रहे और फिर उस धोबी ने आपको आज़ाद कर दिया था, हज़रत लुकमान हिकमत दानाई की बातें करते थे आप बैतूल मुक़द्दस के करीब एक शहर में रहते थे 

लोग इनके पास इनकी नसीहतें हिकमत की बातें सुनने आते थे अपनी हिमतों की बातों की वजह से आप बहुत दूर दूर तक मशहूर हो गए थे जब आपकी हिकमत की बातें मशहूर हुई  तो बनी इसराइल के अमीरों में से एक अमीर आपके पास आया और कहने लगा के ऐ लुकमान किया आप हमारे पास एक अरसा गुलाम बनकर नहीं रहे,

हज़रत लुक़मान ने कहा हाँ क्यों नहीं फिर उस रहीस ने कहा फिर आपमें ये हिमत और दानाई कहाँ से आगई हज़रत लुक़मान ने फ़रमाया सच बोलने और फ़िज़ूल बातों को छोड़ देने से, 

हज़रत लुक़मान का एक मशहूर वाकिया है आपके मालिक ने आपको एक दफा एक बकरी दी और कहा के इसको जिबह करके इसके गोश्त का वो हिस्सा लाओ जो सबसे अच्छा हो चुनांचे आपने बकरी को जिबह किया और उसका दिल और ज़बान निकल कर अपने मालिक के सामने पेश कर दी, दुसरे दिन आपके मालिक ने फिर आपको एक बकरी दी और कहा इस बकरी को जिबह करके इसके गोश्त का सबसे बुरा हिस्सा मेरे पास लाओ, आपने एक बार फिर उसका दिल और  ज़बान निकाल कर अपने मालिक के सामने पेश कर दिए,

मालिक ने ताज्जुब के साथ हज़रत लुक़मान से पुछा के जब मैंने आपसे अच्छा गोश्त लाने को कहा तब भी आपने मुझे दिल और ज़बान लाकर दिए और जब मैंने आपसे ख़राब गोश्त का हिस्सा लाने को कहा तब भी आपने मुझे दिल और ज़बान लेकर दिए ये किया किया मामला है, 

आपने जवाब दिया दिल और ज़बान दोनों बेहतरीन चीज़ें हैं अगर इसकी ज़ात में भलाई और शराफत हो, और यही दोनों चीज़ें बदतरीन हैं अगर इनकी ज़ात में शराफत और भलाई ना हो, 

हज़रत लुककमान ने एक मर्तबा अपने बेटे को बुला कर नसीहत की थी के ऐ बेटे कमीने आदमी से बचना जब तुम उसका एहतराम करो और शरीफ आदमी से बचना जब तुम उसकी बेइज़्ज़ती करने का सोचो, और अक़्लमंद आदमी से बचना जब तुम उसकी बात को काटो और बेवकूफ से बचना जब तुम उससे मज़ाक करो, और जाहिल से बचना जब तुम उसके जैसा बनना चाहो, और गुनहगार से बचना जब तुम उससे झगड़ा करो, 

बेटे तीन चीज़ें पाने अंदर लाने की ज़रूरत है, किसी शख्स को उसकी गैर मौजूदगी में भलाई से याद करना, अपने भाइयों का बोझ उठा, मुफलिसी (गरीबी) में दोस्त की मदद करना,  शुरू में गुस्सा जूनून है और उसका आखिर शर्मिंदगी है, 

तीन चीज़ें ऐसी हैं जिनमे फायदा है, एक अपने खैरख्वाह से मशवरा लेना, दो दुश्मन और जलने वाले से खैरख्वाही से पेश आना, तीन हर एक के साथ मोहब्बत से पेश आना,

धोखा खाने वाला वो सख्श है जो इन तीन चीज़ों पर भरोसा करे, एक वो शख्स जो बगैर देखे की तस्दीक करता हो, दूसरा वो शख्स जो नाकाबिल ऐतबार का ऐतबार करता हो, तीसरा वो शख्स जो किसी ऐसी चीज़ का लालच करता हो जिस तक उसकी पहुंच ना हो, 

अगर तू चाहता है के हिकमत से कुव्वत हासिल करे तो औरतों को अपनी ज़ात का मालिक ना बना क्योंकि औरत की ज़ात एक ऐसी जंग है जिससे सुलह नामुमकिन है औरत की खासियत ये है के अगर वो तुझसे मोहब्बत करने लगे तो तुझको खा जाये और अगर वो तुझसे नफरत करने लगे तो हलाक कर दे , मेरे प्यारे बेटे मैंने तमाम कड़वी और तल्ख़ चीज़ों का ज़ायका चखा है लेकिन फ़िक्र ओ फ़ाक़ा से तल्ख़ कोई चीज़ नहीं, 

मेरे बेटे ज़ाहिल शख्स को हरगिज़  क़ासिद ना बनाना और अगर नुमाइंदगी के लिए कोई काबिल और अक्लमंद शख्स ना मिले तो खुद अपना कासिद बन जाना, मेरे बेटे झूंट से परहेज़ करो क्योंकि ये चिड़िया के गोश्त की तरह निहायत मरग़ूब है थोड़ा सा झूंट इंसान को जला देता है, मेरे बेटे जनाज़ों में जाया करो और शादियों में जाने से बचा करो क्योंकि जनाज़ों की शिरकत तुझे आख़िरत की याद दिलाएगी और शादियों की शिरकत तेरे अंदर दुनियावी खुवाहिशात जगाएगी,

मेरे बेटे अगर पेट भरकर खाना खा चूको तो फिर उसी वक़्त दुबारा खाना मत खाना उससे अच्छा है के खाना कुत्तों को डाल देना, मेरे बेटे इतना मीठा मत बन जाना के लोग तुझे निगल जाएँ, और इतना कडुवा मत बन जाना के लोग तुझे थूक दें, 

बेटे याद रखना या तो तेरे दरबार में कोई तुझसे मोहब्बत करने वाला आएगा या तुझसे डरने वाला, जो डरने वाला हो उसे अपने क़रीब बिठाना उसके चेहरे पर नज़र रखो और उसके पीछे के इशारे से खुद को बचाओ, और जो तुझे चाहने वाला उससे मोहब्बत से गले मिलो, और उसके सवाल करने से पहले जो तुझे देना है उसको दे दो इसलिए के अगर तुझसे सवाल करेगा तो तेरे चेहरे की मासूमियत की वजह से दोगुना हासिल करेगा जो तू उसको देना चाहता है, रिश्तेदारों से सिलारहमी करो ताके वो लोग तेरे भाई बन जाएँ, 

और जब वो तुझसे जुदा हों या तू उनसे जुदा हो उनके अंदर कोई ऐब ना निकाल फिर वो तेरे अंदर कोई ऐब नहीं निकालेंगे, ऐ बेटे हसद से बचते रहो क्योंकि हसद दीन को बिगाड़ देता है और नफ़्स को कमज़ोर कर देता है, 

ऐ बेटे अगर कभी किसी गवर्नर की खिदमत का मौका मिले तो उससे किसी की चुगली मत करना क्योंकि उससे उसके दिल में तुम्हारे लिए नफरत पैदा हो जाएगी,  फिर वो हर वक़्त तुम्हे चौकीदारी में रखेगा और किसी हाल में तुम्हे नज़रअंदाज़ नहीं करेगा, 

हां जब गवर्नर खुश हो तो उसके करीब हो कर रहो जब वो गुस्से में हो तो उससे दूर रहो अगर वो तुम्हारे पास अमानत रखे तो खयानत मत करो, गवरनर खादिम का भी एहतराम करो और उसके साथियों से नरम दिली से पेश आओ, गवर्नर की गैर ज़रूरी बातों कानो को बहरा रखो ज़बान को उसकी बातों में मशगूल मत करो, 

आम मज्लिश में उसके राज़ को पोशीदा रखो, उसकी चाहत की नरमी से पैरवी करो उसकी खिदमत में खैरखवाही से काम लो उसके साथ बातचीत में अपनी अक्ल को खुली रखो उसकी हिरस से बचते रहो क्योंकि उसके साथ तुम्हारी  किया बराबरी अमूमन बड़े लोगो को जल्दी गुस्सा आ जाता है उनकी छलांग शेर की छलांग होती है,

ऐ बेटे राज़ की पोशीदगी इज़्ज़त की हिफाज़त है, 


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