Haan Mai Bahut Khushnasib Hun Mai ke Mai Hindustani Musalman Hun

ज़रूरत पड़ने पे उसके सर पे टोपी वक़्त पड़ने पे मेरे माथे पे उसका तिलक होता है 

उसकी माताजी के मरने पे मेरी आँख में आंसू मेरे वालिद के मरने पे वो मेरे संग रोता है  

Rizwan Ahmed 18-Oct-2020

हां मै बहुत बहुत खुशनसीब हूँ के मै हिंदुस्तानी मुसलमान हूँ 

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई मेरे दोस्त हैं मै इनका जांनिसार हूँ 


आती है मेरे मुल्क से रोज आवाज़  पांच वक़्त मस्जिद से   अज़ान की 

कानों को खुश करती है सदा मंदिर की घंटी गुरुबाणी और पुराण की 

नरेश महेश मेरे दोस्त हैं राधा सुनीता शुशीला मेरी बहन की हैं सहेलियां 

दीवाली की गुंजियां कभी ईद की सिवइंया शान है हमारे दस्तरखान की

 

हां मै बहुत बहुत खुशनसीब हूँ के मै हिंदुस्तानी मुसलमान हूँ 

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई मेरे दोस्त हैं मै इनका जांनिसार हूँ  


कब्रिस्तान भी अदब से साथ जाते हैं श्मशान जाते हुवे भी आंसू  आते हैं 

मिट्टी भी कब्र में संग संग डालते हैं मिल कर चिता को भी आग लगाते हैं 

ज़रूरत पड़ने पे उसके सर पे टोपी वक़्त पड़ने पे मेरे माथे पे उसका     तिलक होता है 

उसकी माताजी के मरने पे मेरी आँख में आंसू मेरे वालिद के मरने पे वो मेरे संग रोता है  


हां मै बहुत बहुत खुशनसीब हूँ के मै हिंदुस्तानी मुसलमान हूँ 

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई मेरे दोस्त हैं मै इनका जांनिसार हूँ 


है तुमको बहुत प्यारा अपना धर्म मेरा मज़हब मुझे भी    अज़ीज़ है 

धर्म मज़हब तो हैं दिल की बातें भला ये भी कोई लड़ने की चीज़ हैं

तुमको मुबारक तुम्हारा धर्म मेरा मज़हब मुझको मुबारक रहने दो 

बाहर समाज में हम हैं हिंदुस्तानी बस हमें हिंदुस्तानी ही  रहने दो 


हां मै बहुत बहुत खुशनसीब हूँ के मै हिंदुस्तानी मुसलमान हूँ 

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई मेरे दोस्त हैं मै इनका जांनिसार हूँ 


लड़ाते हैं हम सब को नेता लोग इन्हे इसके सिवा   कोई काम नहीं 

कुर्सी से है  इन्हे मतलब इनका इंसानियत की किताब में नाम नहीं 

कभी बन जाते हैं ये हिन्दुओं के मसीहा कभी मुस्लिमों के हमदर्द भी 

कुर्सी ही में बसी है मगर इनकी जान यही है इनके लिए सर दर्द भी 


हां मै बहुत बहुत खुशनसीब हूँ के मै हिंदुस्तानी मुसलमान हूँ 

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई मेरे दोस्त हैं मै इनका जांनिसार हूँ 


आओ मिलकर इनको दिखाएँ हम सब हमेशा से हैं भाई भाई 

साथ मिलकर खड़े होंगे हम अगर किसी पर ज़रा आंच आई 

इनकी चालाकी भरे पैंतरे अब हम ज़रा भी और ना चलने देंगे 

किसी का बाल बांका  ना होने देंगे घर न किसी का जलने देंगे 


हां मै बहुत बहुत खुशनसीब हूँ के मै हिंदुस्तानी मुसलमान हूँ 

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई मेरे दोस्त हैं मै इनका जांनिसार हूँ 



No comments

Powered by Blogger.