Pyare Aaqa Hindi Shayari

 

अपने हबीब  की शान में सारा क़ुरआन लिख दिया , 
इश्क़ के जूनून से तो यारों खुदा भी ना बच सका..  
   
सुनो आंधी तुफानो ज़रा अपनी औक़ात में रहो

हम आक़ा ﷺ के उम्मतीं हैं किसी शाख के पत्ते नही.!!
(रिज़वान)

सुनो आंधी तुफानो ज़रा अपनी औक़ात में रहो
हम आक़ा ﷺ के उम्मतीं हैं किसी शाख के पत्ते नही.!!
(रिज़वान)

किया रिसालत बयान करूं मैं अपने प्यारे आक़ा  की
ये काफी नही के उनके दर पे जिब्राइल गुलाम बन के आते हैं.!!
(रिज़वान)







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