Badshah aur anar ka baag

Rizwan Ahmed (Saif) 04-09-2022

वो नौजवान लड़का फिर से उसी पेड़ के पास गया अनार तोड़ा और जूस निकाला अबकी बार लड़के ने बहुत ज़ोर लगाया बड़ी मुश्किल से अनार में से जूस निकला लेकिन वो पहले जितनी तादाद में नहीं था 


दोस्तों आज जो किस्सा मैं यहाँ अपने ब्लॉग में लिखने जा रहा हूँ ये कोई मामूली किस्सा नहीं है ये किस्सा नबी-ए-पाक ﷺ का सुनाया हुवा किस्सा है,



एक बादशाह अपने सिपाहियों के साथ शिकार पर निकला, शिकार की तलाश में वो दूर घने जंगलों में निकल गया रास्ते में बहुत ज़ोर का तूफ़ान आया बादशाह अपने सिपाहीओं से बिछड़ गया तूफ़ान थम जाने के बाद बादशाह भूखा प्यासा अपने महल की ओर  जाने का रास्ता तलाश करने लगा कई घंटे चलने के बाद उसे एक अनार का बाग़ दिखाई दिया, सोचा चलो बाग़ में कुछ पानी वगैरह का इंतज़ाम होगा बाग़ का चौकीदार एक नौजवान लड़का था, बादशाह बोला बेटा कुछ पानी वगैरह मिलेगा किया, तूफ़ान की वजह से बादशाह की हालत बहुत खराब हो गई थी कोई देख कर ये नहीं कह सकता था के ये बादशाह है, लिहाजा नौजवान ने बादशाह को नहीं पहचाना कोई आम आदमी समझा, नौजवान बोला पानी तो नहीं है मगर आपकी प्यास बुझाने का इंतज़ाम कर सकता हूँ,  

वो नौजवान एक अनार के पेड़ के पास गया अनार तोडा और उस अनार से एक प्याले में अनार का जूस निकाला और बादशाह को पेश किया, बादशाह ने जब वो जूस पिया तो हैरत में पड़ गया, उसने अपनी ज़िन्दगी में कभी इतना ज़ायकेदार अनार का जूस नहीं पिया था, 

बादशाह ने सोचा इतने शानदार अनारों के बाग़ उसकी मिलकियत से बाहर है, बादशाह मन ही मन सोचने लगा के जैसे ही महल वापस पहुँचूँगा इस अनार के बाग़ को अपनी मिलकियत में ले लूंगा,

थोड़ी देर आराम करने के बाद बादशाह बोला अच्छा बेटा अब मैं चलता हूँ अगर हो सके तो एक प्याला शर्बत अनार का और पिला दो,

वो नौजवान लड़का फिर से उसी पेड़ के पास गया अनार तोड़ा और जूस निकाला अबकी बार लड़के ने बहुत ज़ोर लगाया बड़ी मुश्किल से अनार में से जूस निकला लेकिन वो पहले जितनी तादाद में नहीं था बहुत थोड़ा जूस निकला, लड़के ने जूस बादशाह को दिया बादशाह ने जूस पिया लेकिन अबकी बार जूस बिलकुल भी अच्छा नहीं थे बेज़ायक़ा जूस ना पहले के जैसा मीठा तादाद में बहुत कम, बादशाह बोला बेटा पहले वाले जूस में तो बहुत जायका था तादाद में भी बहुत ज्यादा था, अबकी बार तो शरबत बिलकुल बे मज़ा है, तादाद में भी बहुत कम है,

नौजवान बोला मुझे लगता है हमारे मुल्क का जो बादशाह है वो किसी पर ज़ुल्म करने की सोच रहा है ये सब इसीलिये हुवा है, बादशाह ने अपने दिल में सोचा के अभी तो मैंने सिर्फ सोचा ही है, अभी तो मैंने किसी पर ज्यादती की भी नहीं है अगर ऐसी सोच का ये अंजाम है तो अगर मैंने किसी पर ज़ुल्म कर ही दिया तो किया अंजाम होगा,

वैसे तो वो बादशाह ईमानदार था इंसाफ पसंद था, ना जाने शैतान ने उसके दिमाग में ये बात कैसे डाल  दी की मैं इस बाग़ पर कब्ज़ा करूँगा, बादशाह ने दिल ही दिल में अल्लाह से तौबा की, कहने लगा या अल्लाह मुझे माफ़ कर दे अभी तो मैंने किसी पर जुल्म भी नहीं किया, सिर्फ ज़ुल्म करने का सोचा ही था  जिसका अंजाम इतना भयानक हुवा, तो अगर मैंने किसी पर ज़ुल्म कर ही दिया तो किया होगा, 

बादशाह मन ही मन अल्लाह के आगे बहुत गिड़गिड़ाया बहुत रोया अल्लाह से माफ़ी मांगी, उसके बाद बादशाह बोला अच्छा बेटा मैं चलता हूँ, ऐसा करो अगर मुमकिन हो तो एक प्याला शरबत मुझे और पिला दो, अब बादशाह लड़के पर नज़र रखने लगा देखने लगा लड़का कौन से पेड़ पर से अनार तोड़ता है कैसे जूस बनाता है, बादशाह ने देखा लड़का उसी पेड़ के पास गया जिस पेड़ से उसने दोनों बार अनार तोडा था, 

लड़का फिर से अनार का जूस निकाल कर लाया अबकी बार वो पहले से भी तादाद में ज्यादा और जायके में मज़ेदार था, बादशाह हंस कर बोलै अच्छा बेटा तुमने अच्छे अच्छे अनार अपने लिए और खराब खराब अनार दूसरों के लिए छांटे हुवे हैं, लड़का बोला अल्लाह की कसम मैंने पेड़ तो किया वो डाली भी नहीं बदली जिस डाली से तोड़ कर मैंने पहली और दूसरी बार आपके शरबत के लिए अनार तोड़े थे, 

बादशाह कहने लगा हां बेटा मैंने देखा है आप जो कह रहे हैं सच कह रहे हैं मैं तो मज़ाक कर रहा था लेकिन एक बात मेरी समझ में नहीं आई, अब की बार तो जूस पहले वाले जूस से भी ज्यादा मज़ेदार है ऐसा क्यों हुवा, लड़का बोला मुझे लगता है के बादशाह ने अपने ज़ुल्म करने से तौबा कर ली है,   

इस किस्से से साबित होता है के मुल्क के बादशाह के इंसाफ और ईमानदारी के ज़ायके फल और सब्जियों तक में जाते हैं इसलिए मुल्क के बादशाह का इंसाफ़पसन्द और ईमानदार होना बहुत ज़रूरी हैं, 

नहीं तो सबकुछ बर्बाद होना तय है,     



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