aqwal e zareen urdu hindi


बच्चा दुनिया में सिर्फ एक हुनर लेकर आता है और वो है रोना 
वो रो रो कर अपनी माँ से हर बात मनवा लेता है, मगर अफ़सोस हम कितने बदनसीब हैं 
हम लोग अपने उस अल्लाह से रो रो कर अपनी बख्शीस नहीं करवाते जो अल्लाह 
हम से सत्तर माओं से ज्यादा प्यार करता है,


शख्शियत में आजिज़ी ना हो तो मालूमात में इज़ाफ़ा इल्म को नहीं 
घमंड को जन्म देता है,


जिसको आपने गलत लगना होता है आप हर हाल में उसे गलत ही लगेंगे 
चाहे कुछ भी करलो 
सफाइयां फ़िज़ूल 
वजाहतें फ़िज़ूल 


अच्छे वक़्त से ज्यादा अच्छे दोस्त को अज़ीज़ रखो 
क्योंकि अच्छा दोस्त बुरे वक़्त को भी अच्छा बना देता है,


अच्छा वक़्त और अच्छे लोग हर किसी के मुक़द्दर में नहीं होते 
इनमें से जो भी मिल जाये 
उसे कभी ना छोड़ें,


अच्छे लोग सड़क के किनारे लगी रौशनी की तरह होते हैं 
जो फांसलों को तो कम नहीं करते 
मगर मंज़िलों को आसान कर देते हैं,


अल्फ़ाज़ ही सबकुछ होते हैं 
दिल जीत भी लेते हैं 
दिल चीर भी देते हैं,


अल्लाह की राह बज़ाहिर काँटों से भरी होती है 
दरहक़ीक़त इत्मीनान और सुकून की दौलत से 
भरी होती है,


बद-अख़लाक़ वो है जिसका गुस्से की हालत में 
अपने आप पर काबू ना रहे,


जो ज़रा सी बात पर दोस्त ना रहे 
समझ लेना वो कभी दोस्त था ही नहीं,


मैं को मिटा कर मन नज़र आता है 
मन को झुका कर "रब" नज़र आता है, 


दुनिया का  सबसे ताक़तवर शख्श वो है 
जो सबसे ज्यादा तनहा है,

 

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