Sunahri Baten Part 1



Rizwan Ahmed 11-Oct-2020

किसी को ज़लील करने से पहले खुद ज़लील होने को

तैयार रहो क्योंकि अल्लाह की तराज़ू सिर्फ इंसाफ तोलती है, 


नेकी के बावजूद अगर तकलीफ आ रही है 

तो ये दरजात की बुलंदी के लिए है,


कमाल के होते हैं वो लोग जो आपकी आवाज़ से 

आपकी ख़ुशी और आपकी उदासी का पता लगा लेते हैं,


बहुत डर लगता है मुझे उन लोगों से जो 

बातों में मिठास और दिल में ज़हर रखते हैं,



बड़ा इंसान वो है जिसकी महफ़िल 

में कोई खुद को छोटा ना समझे,



कुछ लोग हमसे फायदा उठाते हुवे भी ऐसे 

पेश आते हैं जैसे वो हमसे फायदा उठा क्र 

हम पर अहसान कर रहे हैं,



शक्ल की खूबसूरती सिर्फ आँखों को भाती है 

जबकि किरदार की खूबसूरती दिलों में उतर जाती है, 



कुछ बातें ऐसी होती हैं जो हमें 
पढ़ाने से नहीं वक़्त पर समझ आती हैं,


हम लोग नेक बनना नहीं 

सिर्फ नेक दिखना चाहते हैं 

नेक कहलाना चाहते हैं,



बदलते  रिश्ते और बदलते मौसम 
दिखाई दें या ना दें महसूस ज़रूर होते हैं, 

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