और गुनाह करने की सोचते हो अगर तो सोच पर ही रोकलोबुराई के फरिश्ते को मजीद ना लिखने की तकलीफ दोथक चुका होगा वो लोगों की बुराइयाँ लिख लिख करनेकी का फरिश्ता खाली बैठा है थोड़ा उसको भी काम दो.!!(रिज़वान)
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