Man Ki Bat Kah Dali


Rizwan Ahmed 27-September-2020  

उन्होंने आज फिर से मन की बात कह डाली 

सुनते नहीं किसी की बस अपनी बात कह डाली

उनको कुछ भी कहते ज़रा हिचकिचाहट नहीं होती

जनता को भले लगे या बुरी जो कहनी है बात कह डाली 

सुना है सुनने वाला ऑप्शन वो ख़त्म कर चुके हैं 

सुनाना आता है बस उनको सुनाने वाली बात कह डाली 

वो जानते हैं दुखी हैं सब इस वक़्त कोई भी खुश नहीं 

खुश हैं तो उनके बड़े यार उन्ही के लिए है खुशहाली

ख़त्म हुई नौकरियां बंद हो गए सब छोटे कारोबार  

फर्क उन पर नहीं पड़ता सूखे पेड़ या सूखे "डाली"

छोड़ दो अब तो साहब अपनी तारीफों की ख्वाहिश 

बस करो अब कैमरे के सामने दिखाना अपने गालों की लाली 

हिन्दू मुसलमान अमीर गरीब सबको गले से लगा लो  

ले लो दुआंए सब की इसी में है देश की खुशहाली,,  

  

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