Islamic Hindi Shayari

कहाँ मिलेगा इस दौर में ऐसा आका जो खुद पैदल चलता हो
गुलाम को ऊंट पर बिठाने से से जिसका दिल ना जलता हो.!!
(रिज़वान)

Post a Comment

0 Comments