Aye Khuda Tu Humse Raazi Ho Ja

Rizwan Ahmed 24 September 2020 

ऐ "खुदा" हम हर हाल में राज़ी हैं तुझसे बस तू भी, हम से राज़ी हो जा  

यूं तो आमाल हमारे नहीं तेरी "रज़ा" वाले फिर भी, तू हमसे राज़ी हो जा 

रात दिन तेरी नाफरमानी करें हम तेरी एक ना सुने , तू हमसे राज़ी हो जा

घिरे हुवे हैं चारों ओर से बुराई बदकारी में फिर भी, तु हमसे राज़ी हो जा

कोशिशों में है ज़ालिम के मिटा दे तेरे "हबीब ﷺ" की उम्मत को ,तू हमसे राज़ी हो जा

सस्ता हुवा पानी से ज्यादा तेरे "हबीब ﷺ" की उम्मत का खून, तू हमसे राज़ी हो जा

तू तो अपने बन्दों से सत्तर मांओं से ज्यादा प्यार करता है, तू हमसे राज़ी हो जा

तू "गफ्फार" है तू "सत्तार" है तू हमारा पालने वाला है, तू हमसे राज़ी हो जा 

जो फेरलीं तूने हमसे निगाहें बता फिर कौन सा "दर" है हमारा,  तू हमसे राज़ी हो जा 

घिरे हुवे हैं हर तरफ से साज़िशों और इल्ज़ामों में अब तो, तू हमसे राज़ी हो जा 

कुसूरवार हम भी हैं जो अब तक रहे दूर तेरे "हबीब ﷺ" की तालीमों से, तू हमसे राज़ी हो जा

दिखा ना सके हम अपने किरदार में सीरत तेरे , "हबीब ﷺ" की, तू हमसे राज़ी हो जा

हिदायत हमको दे और समझ ज़ालिम को दे , तू हमसे राज़ी हो जा

हमें मालूम है तू जाबिर भी जब्बार भी काहिर भी कह्हार भी, तू हमसे राज़ी हो जा

ना बचा है ना बचेगा कोई ज़ालिम तेरी पकड़ से, तू हमसे राज़ी हो जा

बैठे हैं टिकटिकी लगाए हम तो बस इसी आस में, तू हमसे राज़ी हो जा         


Thanks .......... 
Rizwan Ahmed, www.shayariwaliduniya.com



       

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