Tejasvi Surya Vs Srinivas BV

 Tejasvi Surya Vs Srinivas BV 

Rizwan Ahmed 06-05-21



महामारी में मसीहा बन चुके बी वी श्रीनिवास भी कर्नाटक से हैं और महामारी में नफरत का कारोबार फैला रहे तेजस्वी सूर्या भी कर्नाटक से हैं. श्रीनिवास युवा कांग्रेस के अध्यक्ष हैं जो अब तक 1000 वॉलंटिरयर के साथ हजारों लोगों की जान बचा चुके हैं. तेजस्वी सूर्या बेंगलुरु दक्षि


ण से सांसद हैं, भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, वे कहीं ज्यादा लोगों की मदद कर सकते थे, लेकिन वे जान जोखिम में डालकर कोविड वॉर रूम में काम कर रहे लोगों के बीच हिंदू-मुसलमान की छंटनी कर रहे हैं.



इनकी पार्टी के अध्यक्ष देश को बता रहे हैं कि वे बंगाल चुनाव हार गए हैं इसलिए बंगाल का हिंदू खतरे में है. युवा मोर्चा का अध्यक्ष बता रहा है कि बेंगलुरु के कोविड वॉर रूम में काम कर रहे 206 लोगों में 17 मुस्लिम नाम हैं, इसलिए वे 'आतंकी' हैं.



नफरत की फैक्ट्री में पनप रहे तेजस्वी सूर्या नाम के इस चूजे के दफ्तर से एक वीडियो जारी किया गया और कहा गया कि वॉर रूम में 'आतंकी' काम कर रहे हैं. वीडियो में वे अधिकारियों से 17 मुस्लिमों के नाम लेकर पूछ रहे हैं कि इनकी नियुक्ति की प्रक्रिया क्या है? जब एक कर्मचारी ने कहा कि वे एक एजेंसी से हैं तो बीजेपी के एक विधायक रवि सुब्रमण्या ने सवाल किया कि 'क्या तुम लोगों को मदरसे से नियुक्त करते हो या कॉर्पोरेशन से?'


अधिकारियों ने बीबीसी को बताया है कि वॉर रूम में कुल 206 लोग काम करते हैं जो कि कॉल सेंटर के तौर पर काम करते हुए कोविड मरीज़ों को बेड और ज़रूरी चीज़ें दिलाते हैं.


कर्मचारियों का कहना है कि बेड दिलाना उनका काम नहीं है. ये फैसला सीनियर डॉक्टर लेते हैं और वे सभी कर्मचारी सीनियर डॉक्टरों के निर्देश पर काम करते हैं. टाइम्स आफ इंडिया लिख रहा है कि ये मामला सामने आने के बाद वॉर रूम काम कर रहे मुस्लिम लड़के डर के मारे ड्यूटी पर नहीं आए और कोविड हेल्पलाइन का काम प्रभावित हुआ है.


तेजस्वी सूर्या और कुछ बीजेपी नेताओं का दावा है कि मरीजों को बेड दिलाने के नाम पर कोई घोटाला चल रहा है. वॉर रूम में पैसे लेकर बेड बेचे जा रहे हैं. तेजस्वी सूर्या के मुताबिक, अगर ये मान लिया जाए कि बेड देने में घोटाला हो रहा है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है?


इसके लिए कर्नाटक की बीजेपी सरकार, बीजेपी का सीएम, बीजेपी सांसद, बीजेपी विधायक जिम्मेदार नहीं हैं, सिर्फ निचले स्तर पर काम कर रहे कुछ मुस्लिम लड़के जिम्मेदार हैं?


सीएम येदियुरप्पा ने इस मामले में जांच बिठा दी. सिटी क्राइम ब्रांच ने शहर के सभी जोनल वॉर रूम में छापेमारी की और 4 लोगों को गिरफ़्तार किया. इनके नाम नेत्रावती, रोहित कुमार, रेहान और सतीश हैं. पुलिस को पता चला कि ये लोग मरीजों से 20 हज़ार से लेकर 40 हज़ार रुपये तक लेते थे.

सवाल है कि अगर वॉर रूम में मुस्लिम घोटाला कर रहे थे तो हिंदुओं की गिरफ्तारी क्यों हुई? बीबीसी की रिपोर्ट कहती है कि जिन लोगों का नाम वीडियो में लिया जा रहा है, गिरफ्तार लोगों में उनमें से किसी का नाम नहीं है.


तेजस्वी सूर्या ने ऐसा क्यों किया? क्योंकि कुछ दिन पहले खबरें छप रही थीं कि युवा कांग्रेस के लड़के लोगों की मदद कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी की युवा इकाई गायब है. खबर में पूछा गया था कि तेजस्वी सूर्या कहां गायब हैं? उम्मीद है मीडिया को जवाब मिल गया होगा. तेजस्वी सूर्या हिंदू मुस्लिम विभाजन की ​टूलकिट तैयार कर रहे थे. अब वे हाजिर हैं.


सबक ये है कि कौन ​कहां से इससे फर्क नहीं पड़ता. कौन किस विचार का है, इससे बहुत फर्क पड़ता है. 'सत्य के प्रयोग' करने वाले गांधी जिस धरती पर पैदा हुए थे, 'झूठ का प्रयोग' करने वाले नफरती हिंदुत्व के पोस्टर बॉय भी वहीं पैदा हुए हैं.


फायर ब्रांड हिंदुत्व नेता तेजस्वी सूर्या वही है जिसे कन्हैया कुमार से मुकाबले के लिए बुलाया गया था। 10 मिनट में ही आवश्यक कार्य का हवाला देकर भाग खड़ा हुआ था। इतना ही नहीं इसी के ट्वीट पर इसका बाप मोदी सऊदी अरब सरकार के सामने मांफी मांगने की मुद्रा में नतमस्तक हुआ था। गोबरैलों और evm की मदद से सांसद हुआ जा सकता है mr surya लेकिन इंसान नहीं हुआ जा सकता।

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