Media ke khilaf janta ka gussa


ऐसे में आम आदमी का गुस्सा अब मीडिया के प्रति भी बढ़ता जा रहा है। अब लोग मीडिया के सामने इंटरव्यू तक देने को तैयार नहीं हो रहे हैं।

Rizwan Ahmed 

 देश भर में कोरोना के कहर ने कोहराम मचा कर रख दिया है। लाखों लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। सरकार के साथ साथ लोगों का गुस्सा अब मीडिया पर बढ़ता जा रहा है।

जिस तरह से देश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा चुकी है, उधर मीडिया का स्तर और नीचे गिरता जा रहा है। लोगों को न ऑक्सीजन मिल रहा है, न अस्पताल में बेड मिल रहा है।

कुव्यवस्था की वजह से हजारों लोग मर चुके हैं लेकिन देश की मीडिया की चापलूसी बंद ही नहीं हो रही है। न्यूज चैनल हो या अखबार… दिन भर मोदी मोदी कर रहे हैं। यूपी के अखबार और न्यूज चैनल योगी योगी कर रहे हैं।

ऐसे बुरे दौर में भी जब मीडिया को सरकार की लापरवाहियों को सामने लाना चाहिए था, तब भी भारतीय मीडिया मोदी और भाजपा का ही गुणगान कर रही है।

ऐसे में आम आदमी का गुस्सा अब मीडिया के प्रति भी बढ़ता जा रहा है। अब लोग मीडिया के सामने इंटरव्यू तक देने को तैयार नहीं हो रहे हैं।

इंडिया टुडे समूह के वेब पोर्टल दी लल्लनटॉप का ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक अस्पताल के बाहर कोरोना पीड़ितों के परिजनों से उनकी रिपोर्टर बातचीत करना चाहती है लेकिन वो बात करने को तैयार नहीं होते हैं।

परिजन सीधे सीधे आरोप लगा रहे हैं कि तुम मीडिया वालों को जनता की तकलीफों से कोई लेना देना नहीं है। तुम लोग दिन भर मोदी मोदी और योगी योगी करो।

इस वीडियों में एक कोरोना पीड़ित मरीज का परिजन कह रहा है कि मेरी फोटो छाप दो अखबार में। मैं आपको दुआ दूंगा। मैं जितनी बोल रहा हूं सब छाप दिजिए। मगर मुझे पता है कि यहां मोदी और योगी के अलावा कुछ नहीं छपेगी।

सारी मीडिया बिकाउ हो चुकी है। मेरा जवान लड़का चल गया। मातम मचा हुआ है। कोई अखबार नहीं बोलने वाला। अमर उजाला हो या दैनिक जागरण सब बिक चुके हैं। पेपर सुबह खोलो या शाम खोला बस मोदी मोदी और योगी योगी।

इस वीडियो को ट्वीटर पर अपलोड करते हुए फिल्म मेकर विनोद कापड़ी ने लिखा है कि देश के इस गुस्से को समझो मीडिया वालो, अब तो सच बोलो वरना नर्क भी नसीब नहीं होगा.

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